एक वृद्ध दंपति को लगने लगा कि उनकी याददा6त कमजोर हो चली है। यह सुनि6चित करने के लिये कि उन्हें कुछ नहीं हुआ है, वे डॉक्टर के पास गये।
डॉक्टर ने बारीकी से उनका परीक्षण किया और बताया कि उन्हें कोई बीमारी नहीं है। बुढ़ापे में इस तरह के लक्षण स्वाभाविक हैं। उसने उन्हें महत्वपूर्ण कार्यों को लिखकर रखने की सलाह दी ताकि वे कोई जरूरी काम न भूलें।
वृद्ध दंपति ने डॉक्टर का धन्यवाद किया और घर चले गये। उस रात को टीवी देखते समय पति उठकर कहीं जाने लगा तो पत्नी ने पूछा - ''कहां जा रहे हो ?'' उसने जवाब दिया - ''रसोईघर में''। ''मेरे लिये एक कप चाय लाओगे ?'' - पत्नी ने कहा। ''ठीक है, ले आऊंगा।'' ''मेरे खयाल से तुम इसे नोट कर लो नहीं तो भूल जाओगे।'' पत्नी ने कहा। ''नहीं भूलूंगा, प्रिय'' - पति ने जवाब दिया। ''ठीक है, मेरे लिये कुछ खाने को भ्आना। जैसे अालू चिप्स'' । ''ठीक है , ले आऊंगा।'' ''मुझे लगता है तुम लिख लेते तो ठीक था। कहीं भूल न जाओ।'' पत्नी ने फिर आग्रह किया। ''नहीं भूलूंगा प्रिय । मुझे तुम्हारे लिये एक कप चाय और आलू चिप्सहै । ठीक है ऌतना तो मैं याद रख ही सकता हूं। ''

लगभग आधे घण्टे बाद पति महोदय एक कटोरे में आइसक्रीम और एक प्लेट में आमलेट लेकर हाजिर हुये। पत्नी यह देखते ही आग बबूला होते हुये चिल्लाई - ''तुमसे कहा था कि लिखकर ले जाओ वरना भूल जाओगे। बताओ मेरे आलू के परांठे कहां है ?''

This entry was posted on 10:53 AM and is filed under , . You can leave a response and follow any responses to this entry through the Subscribe to: Post Comments (Atom) .

0 comments

Post a Comment